कुछ तस्वीरें जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से सिर्फ आपके लिये हर तस्वीर में मैंने अपने आपको जिया है
आशा
काँटों भरा जीवन
अंगडाई
मन और सलवटें
क्या क्या समेट लूँ .....
उलझन, बस और क्या
कब तक करूँ मैं इंतज़ार
तुम्हारा साथ, साथ फूलों का
मेरी जमीं मेरा असमान
हम यूँ भी जी लेते हैं
हम तुम दोनों जब मिल जायेंगे एक नया संसार बसाएंगे
क्या क्या न बनी मैं तुम्हारी प्यास बुझने को ...
किसी का इंतज़ार मुझे भी है
सुनहरा भविष्य
उम्मीद का उजाला
बुजुर्गों की छत्र छाया
मुस्कान
ये जकडन नहीं प्यारा सा अहसास है
13 comments:
इससे अच्छी कविता आज तक नहीं पढ़ी, बड़ा ही सुन्दर प्रयोग।
बहुत ख़ूबसूरत अहसास सुंदर चित्रों के माध्यम से..
बेहतरीन... बेमिसाल... शानदार......
हर तस्वीर लाजवाब।
wah ....aanand aa gaya . bahut hi anupam prastuti . har shabdo ko darsha rahe the chitra . pics. are very beautiful . love all ...:):):)::))
http://sapne-shashi.blogspot.com
हाँ ज़िंदा हैं ये तस्वीरें .बोलती बतियाती भी हैं एहसास जगाती सी अपने होने का .
बेहतरीन तस्वीरें!
अत्यधिक प्रशंसनीय रचना.....
संक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनाएं...
एक अच्छी तस्वीर में कैमरा ही नहीं,चित्त भी शामिल होता है।
बेहतरीन तस्वीरें
vikram7: महाशून्य से व्याह रचायें......
बोलते चित्र..बहुत सुन्दर....
लाजवाब तस्वीरें.
चित्र बहुत कुछ कह जाते हैं।
bahut khoobsurat dhang se tasveeron ko prastut kiya hai.
shubhkamnayen
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