mujhe bhookh lag gayi hai , kaha rahte ho ji .. do-teen mahine ki chutti lekar aata hoon aur mota-taza bankar lautta hoon ..
---------- मेरी नयी कविता " तेरा नाम " पर आप का स्वागत है . आपसे निवेदन है की इस अवश्य पढ़िए और अपने कमेन्ट से इसे अनुग्रहित करे. """" इस कविता का लिंक है :::: http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/02/blog-post.html विजय
11 comments:
क्या कमेन्ट करें, देखकर मुँह में पानी आ गया।
प्रवीण पाण्डेय जी की बात से सहमत हूं...
कि... ‘‘क्या कमेन्ट करें, देखकर मुँह में पानी आ गया।’’....
काश ! आपका किचेन मेरे आस-पास होता....
ye sab aapne banaya hai ,
mujhe bhookh lag gayi hai , kaha rahte ho ji .. do-teen mahine ki chutti lekar aata hoon aur mota-taza bankar lautta hoon ..
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मेरी नयी कविता " तेरा नाम " पर आप का स्वागत है .
आपसे निवेदन है की इस अवश्य पढ़िए और अपने कमेन्ट से इसे अनुग्रहित करे.
"""" इस कविता का लिंक है ::::
http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/02/blog-post.html
विजय
behad shaandar ,pani aana jayaj hai .
आपके रसोई घर में घुसते ही मुँह में पानी आ जाता है। आभार।
कुछ पता सता दीजिए हम आ धमकते हैं आपके किचेन में .. बहुत पानी आ रहा है मुह में ... यमी... लजीज ... :))
yummy yummy...wah wah.... good pictures
अरे भगवान्... :-)
आपका किचिन कहाँ है , इसका रास्ता तो बताइये ??
Eat more color ,be healthy .
Mubaarak ye khoobsoorat andaaze byaan aapkaa ,
naayaab hai andaaz aapkaa huzoor .
badhai rachnaji dikshit .
veerubhai
वाह जी, त्यौहार हो तो ऐसे
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