Saturday, January 16, 2010

इंसान



ये क्या हो रहा है? 


दुनिया  रंगबिरंगी



अधर   में  लटकते   लोग 



मेहनत का फल भी बड़ा होना चाहिए ना !!!

 


झूठ के पांव

  

पेट्रोल बचाकर भविष्य सुरक्षित  करें



बड़े होने की होड़



हम भी तो इंसान हैं जय हिंद .

12 comments:

रचना दीक्षित said...
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रचना दीक्षित said...

समीर जी धन्यवाद ये बताने के लिया की कमेन्ट पोस्ट नहीं हो रहा है. अब ठीक कर दिया है. मेरी बेटी को आप लोगों के कमेंट्स से प्रोत्साहन मिलेगा
आभार

Pushpendra Singh "Pushp" said...

बहुत सुन्दर चित्रों के साथ बेहतरीन मेसेज
बहुत बहुत आभार .............

गौतम राजऋषि said...

wow...keep it up shashwti

डॉ टी एस दराल said...

शाश्वती बिटिया ने बहुत खूबसूरत फोटो ढूंढ निकाले हैं।
फोटोग्राफी का शौक भी बहुत निराला होता है।
यह भी एक कला है। बिटिया को प्रोत्साहित कीजिये।
ऐसे ही कुछ फोटोज मेरे ब्लॉग चित्रकथा पर देखिये।

Vinashaay sharma said...

बहुत अच्छे चित्र और keep it up shaswati.

ज्योति सिंह said...

hairaan hoon main yahan ki dekhu kahan kahaan pe ,bahut sundar ,aapki tippani padhkar man gudguda utha ,shukriyan

पूनम श्रीवास्तव said...

rachana ji ,ye hunar sabake pass nahi hota.shaswti beti ke pass to ishwar ki taraf se itana pyara tohafa mila hai meri yahi ichhachh hai ki jivan me unake liye unnati ka marg prashast ho ,shubhkamanao ke saath.
poonam

पूनम श्रीवास्तव said...

in sundar chitro ke jariye har chhetron me anuutha sandesh deti aapki yah post waqai kabile tarrif hai.shashvatikodheron aashish.

दीनदयाल शर्मा said...

अति सुन्दर चित्र और बैस्ट शीर्षक, बधाई.

Swarajya karun said...

अदभुत , रोमांचक और दिल को छू लेने वाली
अभिव्यक्ति ! शब्दों में चित्र नहीं ,बल्कि ये तो
चित्रों में बोलते हुए शब्द हैं . रचना जी ! आपकी
इन रचनाओं में मानवीय संवेदनाओं की खामोश
आवाजें खामोश रह कर ही सुनी जा सकती हैं .

उपेन्द्र नाथ said...

Good collection...